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Sunday, November 1, 2020

धीरज हुए विश्वकर्मा गौरव से सम्मानित......

 




1 नवंबर कोजोधपुर में विश्वकर्मा गौरव पाक्षिक पत्रिका द्वारा आयोजित विश्वकर्मा गौरव सम्मान में वागड़ के सकानी निवासी रतनलाल सुथार के पुत्र धीरज सुथार का साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान ओर समर्पित भाव से कार्य करने के लिए विश्वकर्मा गौरव से सम्मानित किया गया इस कार्यक्रम में शिक्षा,साहित्य,खेल,राजनीति,समाजसेवी,भामाशाह आदि लोगो ने शिरकत की कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में माननीय रमेश चंद्र शर्मा जज साहब इनकम टेक्स, एवं सम्माननीय अतिथि में मान्य श्री राघवेंद्र काशवाल , माननीय श्री साहब मटोरिया ( फैमिली कोर्ट जोधपुर ) माननीय श्री मनसाराम सुथार ( स्पेशल जज प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन ) जैसे लोग शामिल हुए,कार्यक्रम के सयोंजक विश्वकर्मा गौरव पाक्षिक पत्रिका के सम्पादक गीतेश जांगिड़ ने सबका आभार व्यक्त किया राज्यस्तर से सम्मानित समाजसेवा में तत्पर भामाशाह नेमीचंद जी जांगिड़ ओर कई महनीय अतिथियों के द्वारा धीरज को विश्वकर्मा गौरव सम्मान मिलने पर गाँव सहित पूरे समाज मे हर्ष व्याप्त है धीरज ने इससे पहले भी साहित्य के क्षेत्र में अपनी मेहनत और लगन से कई उपलब्धियां हासिल की है और कई बार सम्मानित भी हो चुके है जिसमे प्रमुख है श्री विश्वकर्मा मेवाड़ा सुथार समाज विकास संस्थान द्वारा "समाज गौरव"सम्मान,FORTI द्वारा सम्मानित(राजस्थान में व्यापारियों/उधोगपतियो का समूह), श्री विश्वकर्मा मेवाड़ा सुथार समाज विकास संस्थान,वागड़ द्वारा "विश्वकर्मा समाज गौरव" सम्मान, राजस्थान पत्रिका,डूँगरपुर,वागड विभा साहित्यिक संस्थान,भारत विकास परिषद् ,वंदेमातरम् शाखा,डूँगरपुर ओर कई साहित्यिक समूह ओर संस्थाओं द्वारा सम्मानित धीरज से अनेकों उपलब्धियां भी हासिल जिसमे प्रमुख है आशुभाषण ओर वाद विवाद प्रतियोगिता में ब्लॉक स्तर पर प्रथम स्थान,आशुभाषण प्रतियोगिता में जिला स्तर पर तृतीय स्थान,कवि सम्मेलन के मंचो पर ओर सामाजिक मंचो पर काव्यपाठ,राष्ट्रीय पत्रिकाओं में अपनी रचनाओं का प्रकाशन,डिजिटल यूथ कल्चर फेस्टिवल 2020-विचार मंच में प्रथम स्थान,JK 24×7 न्यूज़ चैनल के आपणो राजस्थान कार्यक्रम में काव्यपाठ का भी अवसर मिला इनकी कविता,मुक्तक,कहानी,लेख राष्ट्रीय अखबारों और मासिक पत्रिकाओं में नित्य प्रकाशित होते है धीरज का कहना है कि जिस भी लक्ष्य को हम पाना चाहते है उसके प्रति हमे पूर्ण समर्पित होना पड़ेगा और निरन्तर प्रयास करना पड़ेगा हार-जीत तो होती रहेगी और हम जितना इस सँघर्ष के मैदान में डटे रहे हम निखरते जाएगे ओर एक दिन जरूर अपने लक्ष्य को पा लेंगे धीरज साहित्य के क्षेत्र के साथ शिक्षा के क्षेत्र से भी जुड़े है सामाजिक कार्यक्रम में भी सक्रिय भागीदारी निभाते है और मानव सेवा और प्रकृति की सेवा हेतु अपने मित्रों के साथ मिलकर भगतसिंह युवा मंडल का गठन कर गरीबो की सेवा,वृक्षारोपण ओर महापुरुषों की जयंती ओर पुण्यतिथि पर युवाओ के कार्यक्रम आयोजित कर उन महापुरषों के जीवन के बारे में बताते है और एक बेहतर भारत के निर्माण में युवाओ की भूमिका रहे इसके लिए प्रयासरत रहते है इनकी कविताओं में प्रेम के गीत भी होते है और युवाओं को जागृत करने वाले स्वर भी बेटियों ओर महिलाओं की पीड़ा भी लिखते है तो स्वच्छता जैसे विषयों पर अपने गीतों से लोगो को जागरूक किया है राष्ट्र को सशक्त बनाने की गूँज भी इनकी लेखनी में देखी जा सकती है और अपने भाषणों के माध्यम से लोगो को जागृत करते रहते है सामान्य घर से होने के बावजूद अपनी मेहनत के बल पर आज धीरज ने एक विशिष्ट पहचान हासिल की है।

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