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Friday, August 21, 2020

nk सेवक सनातन एक परिचय...

21.8.20 0 Comments






वरिष्ठ साहित्यकार नरेश सेवक 'nk सनातन'  का जन्म   25 अप्रेल 1964 में डूंगरपुर के पीठ नामक स्थान पर हुआ।



सनातन की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय महाविद्यालय पीठ में हुई। स्नातक डूंगरपुर से प्राप्त किया आगे स्नातककोत्तर की पढ़ाई हैतु सनातन  उदयपुर आ गए।


सनातन बताते है कि उनकी साहित्य के प्रति रुझान बचपन से रहा। किंतु उन्होंने अपने महाविद्यालय काल से लिखना प्रारम्भ किया।

सनातन  हिंदी एवं अंग्रेजी दौनो भाषा मे सृजन करते  है। वे बताते है कि उनके साहित्य जीवन पर  अंग्रेजी  साहित्यकार फ्रांसीस बैकन का प्रभाव रहा।



सेवक नियमित रूप से पत्र पत्रिकाओं में लेखन का कार्य करते है, साहित्यिक क्षेत्र में सेवक को मधुशाला काव्य गौरव सम्मान , काव्य श्री सम्मान , श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान  समेत अनेक सम्मान से सम्मनित किया जा चुका है।

2015 में सनातन ने  युवा रचनाकारो को  मंच प्रदान करने के उद्देश्य से उदयपुर शहर में काव्यांगन साहित्य समूह का निर्माण अपने मित्र रक्षित परमार के साथ मिलकर किया।

 सनातन वर्तमान में   उदयपुर के गुरु नानक पब्लिक स्कूल में  कार्यरत है तथा उदयपुर में ही निवासरत है।

Wednesday, August 19, 2020

रश्मि लता मिश्रा एक परिचय.....

19.8.20 0 Comments




वरिष्ठ साहित्यकार रश्मि लता मिश्रा जी का जन्म बिलासपुर के पांडेय परिवार में 30 जून 1957 हुआ।


इनकी प्रारम्भिक  बिलासपुर में  हुई, स्नातक रायपुर की रविशंकर  से तथा स्नातकोत्तर घाटीदास विश्व विद्यालय बिलासपुर से हुई।



रश्मि लता मिश्रा ने बताया कि उनकी लेखन में रुचि विद्यार्थी जीवन से ही थी। रश्मि लता को अनेको  साहित्यिक सम्मान प्राप्त हो चुके है।

इस क्रम में उन्हें रष्ट्रीय प्रेम साहित्य सम्मान, मधुशाला साहित्य गौरव , सम्मान  , उम्मीद रत्न अवार्ड , इंडियन वेस्टीज अवार्ड  सहित  सकेडो सम्मान  से सम्मनित किया जा चुका है।

2019 विश्व पुस्तक  मेला दिल्ली में   विश्व साहित्य सेवा एकादमी द्वारा काव्य गौरव सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।


रश्मि लता जी सालों नियमिय पत्र - पत्रिका  में  लेखन  का कार्य कर रहे है। 

रश्मि लता मिश्रा जी अब तक  तीन पुस्तके 1 मेरी अनुभूति 2 नव दुर्गा रस 3 राम रस प्रकशित हो चुकी है।

रश्मि लता मिश्रा जी साहित्य के साथ समाज सेविका के रूपके  भी अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे है।

विवाह के बाद वर्तमान में बिलासपुर सोन गंगा  कॉलोनी में निवासरत है।

दीपा पन्त शीतल एक परिचय...

19.8.20 0 Comments





दीपा पन्त शीतल का जन्म राजस्थान के बीकानेर जिले में 31 जनवरी 1979 में हुआ । इनकी प्रारंभिक शिक्षा राष्ट्र उन्नति माध्यमिक विद्यालय में हुई।


दीपा पन्त ने  स्नातक  जैन बालिका महाविद्यालय  बीकानेर से तथा स्नातकोत्तर डूंगर कॉलेज बीकानेर  से किया।


दीपा  बताते है कि उनकी लेखन  में रुचि अपने पिता को देकर हुई तथा वे बाल्यकाल से ही लेखन कार्य मे सक्रिय है।


दीपा पन्त को लेखन के क्षेत्र में   मधुशाला काव्य गौरव सम्मान, जियो दिल से सम्मान , सृजनधर्मि आदर्श शिक्षक सम्मान , माँ नंदा शक्ति सम्मान समेत सेकड़ो सम्मन से सम्मनित किया जा चुका है।


दीपा पन्त शीतल नियमित पत्र पत्रिकाओं में लेखन का कार्य करते रहते है। दीपा पन्त शीतल संगीत में विशेष रुचि रखती है।



दीपा पन्त एक उम्दा सहित्यकार के साथ - साथ   पशु सेवक के रूप में सराहनीय कार्य करती रहती है, उन्हें अपने  इस कार्य लिए भी विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मनित किया जा चुका है।

विवाह बाद दीपा पन्त राजस्थान के उदयपुर ज़िले में निवासरत है।

विपिन वत्सल शर्मा एक परिचय....

19.8.20 1 Comments




विपिन वत्सल शर्मा का जन्म जन्म 2  oct . 1974 में  डूंगरपुर के   सागवाड़ा में हुआ।

इनकी प्रारम्भिक शिक्षा महिपाल  विद्यालय सागगवाड़ा से हुई, फिर स्नातक हैतु विपिन बांसवाड़ा चले गए तथा स्नातकोत्तर भी बांसवाड़ा से पूरा किया।


 विपिन बताते है कि उनकी  लेखन में रुचि बाल्यकाल  हुई , विपिन के सहित्यिक  जीवन पर  सर्वाधिक प्रभाव  गुलज़ार  साब  एवं  शिव ओम अम्बर जी का रहा।


सहित्यिक जगत में विपिन वत्सल शर्मा को काव्य रथी  , साहित्य श्री सम्मान , शब्द श्री सम्मान , गीत शिरोमणी  सम्मान , मधुशाला गौरव सम्मान समेत सैकड़ो सम्मान से सम्मानित किया जा  चुका है।


विपिन वत्सल शर्मा  नियमित  पत्र पत्रिकाओं मे  लेखन कार्य करते साथ  - साथ विपिन कवि सम्मेलनीय दुनिया के सशक्त हस्ताक्षर है।


विपिन  इंडियन पब्लिक सीनियर सेकेंडरी  अंग्रेजी  माध्यम विद्यालय के निदेशक है जो 2003 से सीमलवाड़ा  डूंगरपुर में संचालित है।

Monday, July 27, 2020

व्यक्तिव परिचय !! सतीश आचार्य !!

27.7.20 3 Comments


#वागड़नादिवा #वागड़नालाल #वागड़नावाला
#रंगकर्मी #लेखक #गीतकार #निर्देशक #मंच_संचालक
नाम: #सतीश_आचार्य
पिता का नाम: श्री शालीग्राम आचार्य
जन्म तिथि: 14 जनवरी, 1964
डाक का पता: सुभद्रा सदन, प्रगति नगर, गली नं. 4,
काॅलेज रोड, बांसवाड़ा (राज.)
मो. 9414219618
शिक्षा
स्नातकोत्तर वाणिज्य (एम.काॅम.)
व्यवसाय
वरिष्ठ सहायक, नेशनल इंश्योरेन्स कं.लि., बांसवाड़ा

आप लेखन, निर्देशन, अभिनय में विगत 30 वर्षों से सक्रिय रूप से सतत कार्यरत है।

1.) पहली बार वर्ष 1977 में #गांव_करजी में नाटक ‘‘जयद्रथ वध’’ में अपने पिता श्री शालीग्राम आचार्य के निर्देशन में श्रीकृष्ण की भूमिका निभाई।

2.) 23 सितम्बर 1993 को लायन्स क्लब, बांसवाड़ा द्वारा प्रस्तुत नाटक ‘‘#अंधेरनगरीचैपट_राजा’’ में मुख्य पात्र गोरधन दास की भूमिका निभाई जिसका निर्देशन श्री जगन्नाथ तेली ने किया।
यह वह नाटक था जिसका नाम वागड़ के कण -कण में व्याप्त रहा प्रभाव इतना कि हर गाँव में स्थानीय लोगों द्वारा इसका मंचन किया जाने लगा।
ऐसे कितने ही नाटकों एवं कालजयी गीतों के रचनाकार दादा सतीश जी आचार्य का परिचय बड़ा लंबा है। राजकीय-राष्ट्रीय कार्यों में सदैव तत्पर आप द्वारा जन चेतना के लिए लिखे गीत जन आंदोलन बन गए। आप के लिखे गीतों में वागड़ी,मेवाड़ी, हिंदी, की अद्भुत पकड़ है। गीतों में सरसता इतनी की आम लोगों की जबान पर उनका रंग सहज चढ़ जाता है।

मई, 2011 एच.आर. एन्टरटेनर मुंबई द्वारा निर्मित और नरपतसिंह राणावत द्वारा निर्देशित फिल्म ‘‘जय मां त्रिपूरे’’ में आप द्वारा अभिनय भी किया गया है।

#सम्मान_पुरस्कार

1गाॅडफ्रे फिलिप्स इण्डिया द्वारा सामाजिक चेतना के सृजन के लिए छठा रेड
एण्ड व्हाईट बहादुरी पुरस्कार स्वर्ण पदक।

2 जिला प्रशासन द्वारा स्वाधीनता दिवस सम्मान।
3 वन विभाग बांसवाड़ा द्वारा श्रेष्ठ वानिकी लेखन पुरस्कार।
4 वागड़ विकास संस्थान द्वारा करमवीर अलंकरण।
5 वागड सेवा जन-जागृति संस्थान, मुम्बई द्वारा वागड विभूति सम्मान।
6 रोटरी क्लब बांसवाड़ा द्वारा सम्मान।
7 मां सरस्वती साहित्य परिषद, बांसवाड़ा द्वारा कृतिकार सम्मान।
8 कन्हैयालाल धींग पुरस्कार, 2008
9 गोफण नाट्य संस्थान द्वारा रंगकर्मी सम्मान।
10 विश्व हिंदी संस्थान कल्चरल आर्गेनाइज़ेशनए कनाड़ा द्वारा सम्मान ।
11 सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के लिये निर्मित लघु फिल्म ष्अनीता की मुस्कान और भगतजी की सीख के लिए उत्कृष्टता प्रमाण पत्र ।

#विशेष

आकाशवाणी उदयपुर से नाटकों में एप्रुव्ड कलाकार ।
आकाशवाणी बांसवाड़ा के लिए नाटक थावरी चली भणवा, रातर दाडो, अंदारू उजवारू और खाखरा नु पांनु आदि नाटकों का लेखन ।

#निर्देशन_प्रस्तुतीकरण

जिला प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए प्रचार-प्रसार हेतु लोक भाषा वागडी में गीतों, नाटकों का लेखन और लगभग 15 आॅडियो कैसेट तथा वीडियो वृत्त चित्र का निर्माण व प्रस्तुतीकरण

लीजिए दादा सतीश आचार्य जी का एक गीत आपके लिए......

#गीत

मनुज ने खोया है विश्वास
मनुज ने खोया है विश्वास
उसके कर्मों से कलुषित है
गौरवमयी इतिहास
मनुज ने खोया है विश्वास

विपदाएं अब द्वार खड़ी हैं
संकट की ये विकट घड़ी है
पसरा पतझर चंहु ओर अब
नहीं दिखे मधुमास
मनुज ने खोया है विश्वास

मानवता की बात करे जन
जग कल्याण के स्वप्न गढ़े मन
आज भारती के सब वंशज
भोग रहे वनवास
मनुज ने खोया है विश्वास

निष्ठाओं का ही सम्बल है
हर घट में एक तिक्त गरल है
तमस भरे इस जन जीवन मेंब
कैसै भरे उजास
मनुज ने खोया है विश्वास

मनुज ने खोया है विश्वास
मनुज ने खोया है विश्वास
उसके कर्मों से कलुषित है
गौरवमयी इतिहास
मनुज ने खोया है विश्वास
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सतीश आचार्य
सुभद्रा सदन, 4/59, प्रगति नगर,
कॉलेज रोड़, बांसवाड़ा (राजस्थान)



विशेष :- उपयुक्त साक्षात्कार प्रसिद्ध कवि सूर्यकरण सोनी सरोज जी द्वारा लिया गया है जो बांसवाड़ा राजस्थान के निवासी है।