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Saturday, August 1, 2020

रक्षाबंधन







रक्षाबन्धन     का      त्यौहार,
भाई - बहन का अनुपम प्यार।

बिजली चमक उठी खुशियों से
रिमझिम - रिमझिम  वर्षा आई,
वसुन्धरा  ने   जब  बादल   को
सतरंगी       राखी      पहनाई।

प्रीत  के   धागो   के  बंधन  में
नेह   का   उमड़   रहा   संसार,
रक्षाबन्धन      का      त्यौहार,
भाई - बहन  का अनुपम प्यार।

सावन   में   बारिश   की   बूँदें
मधुरिम   संगीत    सुनाती   है,
मेघों   की  मृदु  ढोल  ताप पर
वसुधा   हँसती  -  गाती      है।

हरे- भरे   वन, बाग, खेत  सब
झूम         रहे        घर  -  बार,
रक्षाबन्धन       का      त्यौहार,
भाई - बहन  का  अनुपम प्यार।

"भावुक" मोर, पपीहा, कोयल
नाचें ,    गाएं      गीत   मल्हार,
प्रेम  भरा   हर   पल  ले  आये
सुखद  सुगन्धित मलय बयार।

स्नेह  की डोर से बँधा हुआ यह
रिश्तों     का    पावन   उपहार,
रक्षाबन्धन       का       त्यौहार,
भाई - बहन  का  अनुपम  प्यार...

डॉ.अवधेश तिवारी "भावुक"
मयूर विहार फेज-3
दिल्ली-110096


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