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Friday, July 31, 2020

कलम चलने दो- 2




नमस्कार पाठको,
जैसा की आप सभी जानते ही होंगे की हमारे ब्लॉग में आपको सभी तरह की उपयोगी जानकारी हिंदी भाषा में मिलती है लेकिन आज का ये पोस्ट इन सभी से अलग है इस पोस्ट में आज हम आपके साथ शेयर कर रहे है हमारे मधुशाला साहित्यिक परिवार की अनुपम प्रस्तुति कलम चलने दो-3 इस बुक में आपको हिन्दुस्तान के 11 राज्यों के लगभग 94 रचनाकारों  रचनाये मिलेगी...

मै आप से निवेदन करता हु की आप सभी एक बार इस पुस्तक को पूरा जरुर पढ़े है क्योकि इस पुस्तक को मधुशाला परिवार की तरफ से बहुत मेहनत और अथक प्रयास से बनाया गया और ये संस्करण आपको बिलकुल फ्री में उपलब्ध करवाया गया है । 

यहाँ पर मै आपको इस बुक का विवरण और इस बुक को आप किस तरह से फ्री में download कर सकते है इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाला हूँ तो चलिए देखते है
पुस्तक की जानकारी-
पुस्तक का नाम-कलम चलने दो -2 
प्रकाशक- मधुशाला साहित्यिक परिवार उदयपुर,राजस्थान
संपादक-दीपेश पालीवाल 
कवर और बुक डिजाईन-Madhushala
पुस्तक को डाउनलोड कैसे करे-
1. सबसे पहले आपको यहाँ पर दिये गये download के लिंक पर क्लिक करना है 


2. Download के लिंक पर क्लिक करने के बाद आपके सामने एक बार और Download का लिंक आएगा तो आपको फिर से download पर क्लिक करना होगा तो ebook download होना स्टार्ट हो जाएगी...
कलम चलने दे
3.Download E Book On Google Drive-Download Now 

तो इस तरह से आप इस बुक download कर सकते है अगर आपका इस बुक से सम्बन्धित किसी भी तरह का कोई सुझाव या शिकायत है तो आप हमे कमेंट बॉक्स में बता सकते है या आप सम्पादक महोदय जी को facebook पर मेसेज भी कर सकते है...

7 comments:

  1. बहुत ही शानदार पत्रिका
    बहुत बहुत आभार धन्यवाद जी दीपेश जी पालीवाल आपके द्वारा मुझे मधुशाला परिवार में जोड़ने के लिए और मेरी रचना का भी चयन करने के लिए 👏💐💐बहुत ही शानदार पत्रिका
    बहुत बहुत आभार धन्यवाद जी दीपेश जी पालीवाल आपके द्वारा मुझे मधुशाला परिवार में जोड़ने के लिए और मेरी रचना का भी चयन करने के लिए 👏💐💐

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  2. मधुशाला साहित्यिक परिवार का बहुत-बहुत आभार है आपने जो ई-बुक कलम चलने दो भाग 2 प्रकाशित किया है उसमें सभी की रचनाएं एक से बढ़कर एक हैं आपने इसका विमोचन भी बहुत अच्छे ढंग से किया सभी को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया जब से जुड़ा हूं अभी तक कभी मुझे ऐसा महसूस नहीं हुआ कि मैं इस परिवार का हिस्सा नहीं हूं इस सराहनीय कार्य हेतु आपकी प्रशंसा जितनी भी की जाए कम है बहुत-बहुत धन्यवाद आपका🙏

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  3. मधुशाला साहित्य परिवार की प्रस्तुत ई-पत्रिका का यह साझा संकलन कलम चलने दो -2 हिंदी काव्य को गति प्रदान करने वाला उत्कृष्ट प्लेटफार्म है । जिसमें देश के अलग-अलग प्रांतों के कवियों की रचनाओं का समावेश किया गया है । पत्रिका का कलेवर अति सुंदर है । सरल व सहज शब्दों में संपादकीय अभिव्यक्ति दिल को छू जाता । निःसंदेह दीपेश जी का यह साहित्य कर्म सराहनीय व अनुकरणीय है । संपादक महोदय एवं समस्त रचनाकारों को बहुत-बहुत बधाइयां । इसी शुभकामनाओं के साथ...🖋

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  4. मधुशाला साहित्य परिवार की प्रस्तुत ई-पत्रिका का यह साझा संकलन कलम चलने दो -2 हिंदी काव्य को गति प्रदान करने वाला उत्कृष्ट प्लेटफार्म है । जिसमें देश के अलग-अलग प्रांतों के कवियों की रचनाओं का समावेश किया गया है । पत्रिका का कलेवर अति सुंदर है । सरल व सहज शब्दों में संपादकीय अभिव्यक्ति दिल को छू जाता । निःसंदेह दीपेश जी का यह साहित्य कर्म सराहनीय व अनुकरणीय है । संपादक महोदय एवं समस्त रचनाकारों को बहुत-बहुत बधाइयां । इसी शुभकामनाओं के साथ...🖋

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  5. Very nice poem ravi ji ... Amazing motivational lines ... Other poems also osm

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  6. बहुत बधाइयाँ। शुभकामनाएं ऐसे ही साहित्य सेवा में अपना योगदान निःस्वार्थ भाव से देते रहें।

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  7. मधुशाला साहित्यक परिवार का आभार आपने मुझे अपने प्रकाशन कलम चलने दो - 2 का हिस्सा बनाया 👏👏

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