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Sunday, August 2, 2020

रक्षाबंधन








 रक्षाबंधन जब है आता
खुशियां संग अपार है लाता
 बहनें भी  फूली नहीं समाती
जब भैया उसके घर है आता
रक्षाबंधन जब है आता
खुशियां संग अपार है लाता

 लगाकर कुमकुम खिलाती मिठाई
बहनें थालियाँ खूब सजाती
रेशमी धागा कलाई पे बांधा
रक्षा का लेती फिर वादा

 रेशमी धागे की लाज बचाना
अपनी बहना को भूल न जाना
देखा प्यार जो भाई-बहन का
रोम-रोम सबका खिल उठता
रक्षाबंधन जब है आता
खुशियां संग अपार है लाता

कैसा पावन पर्व राखी का
जिस में समाया प्यार अनोखा
पर्व राखी का वर्ष में आता
संग हज़ारों ख़ुशियाँ लाता
रक्षाबंधन जब है आता
खुशियां संग अपार है लाता

सुनीता गर्ग

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